| Œ•ŽmF“ª
A“·
A˜r
A˜
A‹r
AƒKƒ“ƒi[F“ª
A“·
A˜r
A˜
A‹rB ‚¨‚·‚·‚ß‘•”õFŒ•Žm A‚¨‚·‚·‚ß‘•”õFƒKƒ“ƒi[ AƒXƒLƒ‹ˆê—— A‘•ü•iB | 
‘•ü•i
| 퓬 | |||
| UŒ‚Žìy1z | 퓬 | œ~~ | UŒ‚+1–hŒä-1 | 
| UŒ‚Žìy2z | 퓬 | œœ~ | UŒ‚+3–hŒä-1 | 
| UŒ‚Žìy3z | 퓬 | œœœ | UŒ‚+5–hŒä-1 | 
| –hŒäŽìy1z | 퓬 | œ~~ | –hŒä+1UŒ‚-1 | 
| –hŒäŽìy2z | 퓬 | œœ~ | –hŒä+3UŒ‚-1 | 
| ‘Ì—ÍŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‘Ì—Í+2 | 
| ‰Î‰ŠŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰Î‘®«UŒ‚+1…‘®«UŒ‚-1 | 
| ‰Î‰ŠŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‰Î‘®«UŒ‚+3…‘®«UŒ‚-1 | 
| —¬…Žìy1z | 퓬 | œ~~ | …‘®«UŒ‚+1—‹‘®«UŒ‚-1 | 
| —¬…Žìy2z | 퓬 | œœ~ | …‘®«UŒ‚+3—‹‘®«UŒ‚-1 | 
| —‹ŒõŽìy1z | 퓬 | œ~~ | —‹‘®«UŒ‚+1•X‘®«UŒ‚-1 | 
| —‹ŒõŽìy2z | 퓬 | œœ~ | —‹‘®«UŒ‚+3•X‘®«UŒ‚-1 | 
| •XŒ‹Žìy1z | 퓬 | œ~~ | •X‘®«UŒ‚+1‰Î‘®«UŒ‚-1 | 
| •XŒ‹Žìy2z | 퓬 | œœ~ | •X‘®«UŒ‚+3‰Î‘®«UŒ‚-1 | 
| ”j—´Žìy1z | 퓬 | œ~~ | —´‘®«UŒ‚+1“ÁŽêUŒ‚-1 | 
| ”j—´Žìy2z | 퓬 | œœ~ | —´‘®«UŒ‚+3“ÁŽêUŒ‚-1 | 
| ‘®UŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‘®«UŒ‚+1“ÁŽêUŒ‚-1 | 
| ‘®UŽìy3z | 퓬 | œœœ | ‘®«UŒ‚+4“ÁŽêUŒ‚-2 | 
| “ÁUŽìy1z | 퓬 | œ~~ | “ÁŽêUŒ‚+1‘®«UŒ‚-1 | 
| “ÁUŽìy2z | 퓬 | œœ~ | “ÁŽêUŒ‚+3‘®«UŒ‚-1 | 
| „nŽìy1z | 퓬 | œ~~ | Œ¤–p+1Œ¤‚¬Žt-1 | 
| „nŽìy3z | 퓬 | œœœ | Œ¤–p+4Œ¤‚¬Žt-2 | 
| ‘¬”[Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ”[“+1Œ¤‚¬Žt-1 | 
| ‘¬”[Žìy2z | 퓬 | œœ~ | ”[“+3Œ¤‚¬Žt-1 | 
| ’BlŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ’Bl+1—´‘Ï«-1 | 
| ’BlŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ’Bl+3—´‘Ï«-1 | 
| ’BlŽìy3z | 퓬 | œœœ | ’Bl+5—´‘Ï«-1 | 
| ’ÉŒ‚Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ’ÉŒ‚+1‘Ì—Í-1 | 
| ’ÉŒ‚Žìy3z | 퓬 | œœœ | ’ÉŒ‚+4‘Ì—Í-2 | 
| ˜AŒ‚Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ˜AŒ‚+1‰ÁŒì-1 | 
| ˜AŒ‚Žìy3z | 퓬 | œœœ | ˜AŒ‚+4‰ÁŒì-2 | 
| “Á‰ïŽìy1z | 퓬 | œ~~ | “ÁŽê‰ïS+1UŒ‚-1 | 
| “Á‰ïŽìy2z | 퓬 | œœ~ | “ÁŽê‰ïS+3UŒ‚-1 | 
| ‘®‰ïŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‘®«‰ïS+1UŒ‚-1 | 
| ‘®‰ïŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‘®«‰ïS+3UŒ‚-1 | 
| ‰ïSŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ïS‹‰»+1UŒ‚-1 | 
| ‰ïSŽìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | ‰ïS‹‰»+4UŒ‚-2 | 
| ’ZkŽìy1z | 퓬 | œ~~ | —‚ß’Zk+1‘Ìp-1 | 
| ’ZkŽìy3z | 퓬 | œœœ | —‚ß’Zk+4‘Ìp-2 | 
| ‹‘–Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ƒXƒ^ƒ~ƒi+1• Œ¸‚è-1 | 
| ‹‘–Žìy3z | 퓬 | œœœ | ƒXƒ^ƒ~ƒi+4• Œ¸‚è-2 | 
| ‘ÌpŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‘Ìp+1ƒXƒ^ƒ~ƒi-1 | 
| ‘ÌpŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‘Ìp+3ƒXƒ^ƒ~ƒi-1 | 
| ‘‹CŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‹C—͉ñ•œ+1‰ñ”ð«”\-1 | 
| ‘‹CŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‹C—͉ñ•œ+3‰ñ”ð«”\-1 | 
| ‰ñ”ðŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ñ”ð«”\+1‘Ì—Í-1 | 
| ‰ñ”ðŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‰ñ”ð«”\+3‘Ì—Í-1 | 
| ’µ–ôŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ñ”ð‹——£+1‘Ì—Í-1 | 
| ’µ–ôŽìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | ‰ñ”ð‹——£+4‘Ì—Í-2 | 
| –A–—Žìy1z | 퓬 | œ~~ | –A–—+1‹C—͉ñ•œ-1 | 
| –A–—Žìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | –A–—+4‹C—͉ñ•œ-2 | 
| ‚j‚nŽìy1z | 퓬 | œ~~ | KO+1—‚ß’Zk-1 | 
| ‚j‚nŽìy2z | 퓬 | œœ~ | KO+3—‚ß’Zk-1 | 
| ’D‹CŽìy1z | 퓬 | œ~~ | Œ¸‹CUŒ‚+1ƒXƒ^ƒ~ƒi-1 | 
| ’D‹CŽìy2z | 퓬 | œœ~ | Œ¸‹CUŒ‚+3ƒXƒ^ƒ~ƒi-1 | 
| –CpŽìy1z | 퓬 | œ~~ | –Cp+2 | 
| dŒ‚Žìy1z | 퓬 | œ~~ | dŒ‚+1’Bl-1 | 
| dŒ‚Žìy3z | 퓬 | œœœ | dŒ‚+4’Bl-2 | 
| ‘SŠJŽìy1z | 퓬 | œ~~ | –{‹C+1‹C”z-1 | 
| ‘SŠJŽìy2z | 퓬 | œœ~ | –{‹C+3‹C”z-1 | 
| “¬°Žìy1z | 퓬 | œ~~ | “¬°+1ƒK[ƒh«”\-1 | 
| “¬°Žìy2z | 퓬 | œœ~ | “¬°+3ƒK[ƒh«”\-1 | 
| –³Žìy1z | 퓬 | œ~~ | –³+1‰ñ•œ‘¬“x-1 | 
| –³Žìy2z | 퓬 | œœ~ | –³+3‰ñ•œ‘¬“x-1 | 
| D‹@Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ƒ`ƒƒƒ“ƒX+1Œø‰ÊŽ‘±-1 | 
| D‹@Žìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | ƒ`ƒƒƒ“ƒX+4Œø‰ÊŽ‘±-2 | 
| ’ê—ÍŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ’ê—Í+1‰ÁŒì-1 | 
| ’ê—ÍŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ’ê—Í+3‰ÁŒì-1 | 
| ‹t‹«Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ‹t‹«+1‰ñ•œ—Ê-1 | 
| ‹t‹«Žìy2z | 퓬 | œœ~ | ‹t‹«+3‰ñ•œ—Ê-1 | 
| ‹tãŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‹tã+1‘Ìp-1 | 
| ‹tãŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‹tã+3‘Ìp-1 | 
| ‹‡’nŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‹‡’n+1“Å-1 | 
| ‹‡’nŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‹‡’n+3“Å-1 | 
| ª«Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ª«+1’²‡¬Œ÷—¦-1 | 
| ª«Žìy2z | 퓬 | œœ~ | ª«+3’²‡¬Œ÷—¦-1 | 
| 抵Žìy1z | 퓬 | œ~~ | æ‚è+2 | 
| ”ò‰Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ’µ–ô+2 | 
| –³SŽìy1z | 퓬 | œ~~ | –³S+1‹C”z-1 | 
| –³SŽìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | –³S+4‹C”z-2 | 
| ‰ÁŒìŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ÁŒì+1 | 
| _ŒìŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ÁŒì+2 | 
| ‰p—YŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰p—Y‚Ì‚+1‰^‹C-1 | 
| ‰p—YŽìy3z | 퓬 | œœœ | ‰p—Y‚Ì‚+4‰^‹C-2 | 
| Ž¡–üŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ñ•œ—Ê+1‰ñ•œ‘¬“x-1 | 
| Ž¡–üŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‰ñ•œ—Ê+3‰ñ•œ‘¬“x-1 | 
| ‘•œŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ‰ñ•œ‘¬“x+1HŽ–-1 | 
| ‘•œŽìy2z | 퓬 | œœ~ | ‰ñ•œ‘¬“x+3HŽ–-1 | 
| —ð—éŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ƒxƒ‹ƒi+2 | 
| Žn—ÂŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ƒRƒRƒbƒg+2 | 
| á‰ÔŽìy1z | 퓬 | œ~~ | ƒ|ƒbƒP+2 | 
| å“’Žìy1z | 퓬 | œ~~ | ƒ†ƒNƒ‚+2 | 
| ‰ä–Žìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | ‰ä–+2–³S-1 | 
| ‹Z‰„Žìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | SP‰„’·+1–³S-1 | 
| ‹Z‰„Žìy2z[XX] | 퓬 | œœ~ | SP‰„’·+3–³S-1 | 
| ‹ó‰ƒŽìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | ”òsŽðê+2 | 
| ޝ‹†Žìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | —´Ž¯‘D+2 | 
| n—ØŽìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | n—Ø+1 | 
| n—ØŽìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | n—Ø+4 | 
| ”[Œ¤Žìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | ”[“Œ¤–+2”[“-1 | 
| — ‰ïSŽìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | — ‰ïS+1UŒ‚-1 | 
| — ‰ïSŽìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | — ‰ïS+4UŒ‚-2 | 
| —´‹CŽìy1z[XX] | 퓬 | œ~~ | —´‹C+1–hŒä-1 | 
| —´‹CŽìy3z[XX] | 퓬 | œœœ | —´‹C+4–hŒä-2 | 
| Œ•Žm | |||
| Žìy1z | Œ•Žm | œ~~ | +1Ža‚ê–¡-1 | 
| Žìy3z | Œ•Žm | œœœ | +4Ža‚ê–¡-2 | 
| Ža“SŽìy1z | Œ•Žm | œ~~ | Ža‚ê–¡+1 -1 | 
| Ža“SŽìy3z | Œ•Žm | œœœ | Ža‚ê–¡+4 -2 | 
| Œ•‹Žìy1z | Œ•Žm | œ~~ | Œ•p+1 -1 | 
| Œ•‹Žìy3z | Œ•Žm | œœœ | Œ•p+4 -2 | 
| “ÝŠíŽìy1z | Œ•Žm | œ~~ | “ÝŠí+1UŒ‚-1 | 
| “ÝŠíŽìy2z | Œ•Žm | œœ~ | “ÝŠí+3UŒ‚-2 | 
| Œ¤–Žìy1z | Œ•Žm | œ~~ | Œ¤‚¬Žt+2 | 
| ”²“Žìy1z | Œ•Žm | œ~~ | ”²“‰ïS+1’Bl-1 | 
| ”²“Žìy2z | Œ•Žm | œœ~ | ”²“‰ïS+3’Bl-1 | 
| ”²‘ÅŽìy1z | Œ•Žm | œ~~ | ”²“Œ¸‹C+1Ža‚ê–¡-1 | 
| ”²‘ÅŽìy3z | Œ•Žm | œœœ | ”²“Œ¸‹C+4Ža‚ê–¡-2 | 
| “S•ÇŽìy1z | Œ•Žm | œ~~ | ƒK[ƒh«”\+1‘Ìp-1 | 
| “S•ÇŽìy2z | Œ•Žm | œœ~ | ƒK[ƒh«”\+3‘Ìp-1 | 
| ‹•ÇŽìy1z | Œ•Žm | œ~~ | ƒK[ƒh‹‰»+1ƒXƒ^ƒ~ƒi-1 | 
| ‹•ÇŽìy2z | Œ•Žm | œœ~ | ƒK[ƒh‹‰»+3ƒXƒ^ƒ~ƒi-1 | 
| ƒKƒ“ƒi[ | |||
| ‘“UŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ‘•“U‘¬“x+1”½“®-1 | 
| ‘“UŽìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | ‘•“U‘¬“x+3”½“®-1 | 
| —}”½Žìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ”½“®+1‘•“U‘¬“x-1 | 
| —}”½Žìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ”½“®+4‘•“U‘¬“x-2 | 
| “_ŽËŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ¸–§ŽËŒ‚+2 | 
| ‹’eŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ’Êí’e‹‰»+1”½“®-1 | 
| ‹’eŽìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ’Êí’e‹‰»+4”½“®-2 | 
| ŠÑ’ÊŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ŠÑ’Ê’e‹‰»+1”½“®-1 | 
| ŠÑ’ÊŽìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ŠÑ’Ê’e‹‰»+4”½“®-2 | 
| ŽU’eŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ŽU’e‹‰»+1”½“®-1 | 
| ŽU’eŽìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ŽU’e‹‰»+4”½“®-2 | 
| d’eŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | dŒ‚’e‹‰»+1”½“®-1 | 
| d’eŽìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | dŒ‚’e‹‰»+4”½“®-2 | 
| ‰Á’eŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ’Êí’e’ljÁ+1‘•“U‘¬“x-1 | 
| ‰Á’eŽìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | ’Êí’e’ljÁ+3‘•“U‘¬“x-1 | 
| ‰ÁŠÑŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ŠÑ’Ê’e’ljÁ+2 | 
| ‰ÁŽUŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ŽU’e’ljÁ+2 | 
| ‰ÁžÖŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | žÖ’e’ljÁ+2 | 
| ‰ÁŠgŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ŠgŽU’e’ljÁ+1‘•“U‘¬“x-1 | 
| ‰ÁŠgŽìy3z[XX] | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ŠgŽU’e’ljÁ+4‘•“U‘¬“x-2 | 
| “Å•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | “Å•r’ljÁ+2 | 
| ვrŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | –ƒáƒ•r’ljÁ+1UŒ‚-1 | 
| ვrŽìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | –ƒáƒ•r’ljÁ+3UŒ‚-1 | 
| –°•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ‡–°•r’ljÁ+2 | 
| ‹•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ‹Œ‚•r’ljÁ+1’Bl-1 | 
| ‹•rŽìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | ‹Œ‚•r’ljÁ+3’Bl-1 | 
| ‘®•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ‘®‹•r’ljÁ+1“ÁŽêUŒ‚-1 | 
| ‘®•rŽìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | ‘®‹•r’ljÁ+3“ÁŽêUŒ‚-1 | 
| Ú•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ÚŒ‚•r’ljÁ+2 | 
| Œ¸•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | Œ¸‹C•r’ljÁ+2 | 
| ”š•rŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ”š”j•r’ljÁ+2 | 
| ‘¬ŽËŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ‘¬ŽË+1‘•“U‘¬“x-1 | 
| ‘¬ŽËŽìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ‘¬ŽË+4‘•“U‘¬“x-2 | 
| ŽË–@Žìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ŽË–@+1‘•“U”-1 | 
| ŽË–@Žìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | ŽË–@+3‘•“U”-1 | 
| ‘•“UŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ‘•“U”+1‘•“U‘¬“x-1 | 
| ‘•“UŽìy3z | ƒKƒ“ƒi[ | œœœ | ‘•“U”+4‘•“U‘¬“x-2 | 
| •ÏŽËŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | •Ï‘¥ŽËŒ‚+2 | 
| ß’eŽìy1z | ƒKƒ“ƒi[ | œ~~ | ’e–òß–ñ+1¸–§ŽËŒ‚-1 | 
| ß’eŽìy2z | ƒKƒ“ƒi[ | œœ~ | ’e–òß–ñ+3¸–§ŽËŒ‚-1 | 
| ƒTƒ|[ƒg | |||
| ŒÛ“JŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | “J+2 | 
| ”šŽtŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ”š’e‹‰»+2 | 
| ”E‹rŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ‹C”z+2 | 
| Ñ”zŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | Ñ”z+1Œø‰ÊŽ‘±-1 | 
| –¼Ñ”zŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | Ñ”z+2 | 
| †—ߎìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | †—ß+1ÌŽæ-1 | 
| †—ߎìy2z | ƒTƒ|[ƒg | œœ~ | †—ß+3ÌŽæ-1 | 
| ç—¢Žìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ç—¢Šá+2 | 
| ŠÏŽ@Žìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ŠÏŽ@Šá+2 | 
| Ž‘±Žìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | Œø‰ÊŽ‘±+2 | 
| —Fˆ¤Žìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | Lˆæ+1‹C”z-1 | 
| —Fˆ¤Žìy2z | ƒTƒ|[ƒg | œœ~ | Lˆæ+3‹C”z-1 | 
| –³HŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | • Œ¸‚è+2 | 
| HŠ¿Žìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | H‚¢‚µ‚ñ–V+2 | 
| ‘HŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | HŽ–+1‰ñ•œ—Ê-1 | 
| ‘HŽìy3z | ƒTƒ|[ƒg | œœœ | HŽ–+4‰ñ•œ—Ê-2 | 
| ßHŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ßH+2‹C‚Ü‚®‚ê-1 | 
| “÷HŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | “÷H+1• Œ¸‚è-1 | 
| “÷DŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | “÷H+2 | 
| ‘ùDŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ‘ùH+2“÷H-1 | 
| –쑎ìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | –ì‘’mޝ+2 | 
| 㩎tŽìy1z | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ‚‘¬Ý’u+2 | 
| ‘–ŒpŽìy1z[XX] | ƒTƒ|[ƒg | œ~~ | ‘–sŒp‘±+1‘Ìp-1 | 
| ‘–ŒpŽìy2z[XX] | ƒTƒ|[ƒg | œœ~ | ‘–sŒp‘±+3‘Ìp-1 | 
| ‘Ï« | |||
| ‘ϓŎìy1z | ‘Ï« | œ~~ | “Å+1‹Câ-1 | 
| ‘ϓŎìy2z | ‘Ï« | œœ~ | “Å+3‹Câ-1 | 
| ‘Ï–ƒŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | –ƒáƒ+1“Å-1 | 
| ‘Ï–ƒŽìy2z | ‘Ï« | œœ~ | –ƒáƒ+3“Å-1 | 
| ‘Ï–°Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‡–°+1‚¾‚é‚Ü-1 | 
| ‘Ï–°Žìy2z | ‘Ï« | œœ~ | ‡–°+3‚¾‚é‚Ü-1 | 
| ‘ÏâŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‹Câ+1–ƒáƒ-1 | 
| §âŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‹Câ+2 | 
| –h‰¹Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ’®Šo•ÛŒì+1‰ÁŒì-1 | 
| –h‰¹Žìy3z | ‘Ï« | œœœ | ’®Šo•ÛŒì+4‰ÁŒì-2 | 
| –h•—Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | •—ˆ³+1‰^‹C-1 | 
| –h•—Žìy2z | ‘Ï« | œœ~ | •—ˆ³+3‰^‹C-1 | 
| ‘ÏkŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‘Ïk+1‡–°-1 | 
| RkŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‘Ïk+2 | 
| ‘Ï’B–Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‚¾‚é‚Ü+1‡–°-1 | 
| R’B–Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‚¾‚é‚Ü+2 | 
| ‘Ï‹Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‘Ï‹+2 | 
| ‘ÏŠ¦Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‘ÏŠ¦+2 | 
| –k•—Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | Ц—â“K‰ž+1‘Ï‹-1 | 
| –k•—Žìy3z[XX] | ‘Ï« | œœœ | Ц—â“K‰ž+4‘Ï‹-2 | 
| “ì•—Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‰Š”M“K‰ž+1‘ÏŠ¦-1 | 
| “ì•—Žìy3z[XX] | ‘Ï« | œœœ | ‰Š”M“K‰ž+4‘ÏŠ¦-2 | 
| ‘Ï“Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | “‚Ý–³Œø+2 | 
| ‘Ï–hŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‘ΖhŒäDOWN+2 | 
| R‹¶Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‹¶Œ‚‘Ï«+1‰ñ”ð«”\-1 | 
| R‹¶Žìy3z | ‘Ï« | œœœ | ‹¶Œ‚‘Ï«+5‰ñ”ð«”\-1 | 
| ‹ÛŠwŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ׋ۊw+1‹C”z-1 | 
| ‹Û‹†Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ׋ۊw+2 | 
| RŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | —ô+2 | 
| ‘ωΎìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‰Î‘Ï«+1…‘Ï«-1 | 
| §‰ÎŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‰Î‘Ï«+2 | 
| ‘Ï…Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | …‘Ï«+1—‹‘Ï«-1 | 
| §…Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | …‘Ï«+2 | 
| ‘Ï—‹Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | —‹‘Ï«+1•X‘Ï«-1 | 
| §—‹Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | —‹‘Ï«+2 | 
| ‘Ï•XŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | •X‘Ï«+1‰Î‘Ï«-1 | 
| §•XŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | •X‘Ï«+2 | 
| ‘Ï—´Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | —´‘Ï«+1“Å-1 | 
| §—´Žìy1z | ‘Ï« | œ~~ | —´‘Ï«+2 | 
| ‘®‘ÏŽìy1z | ‘Ï« | œ~~ | ‘®«‘Ï«+1‘Ì—Í-1 | 
| ‘®‘ÏŽìy3z | ‘Ï« | œœœ | ‘®«‘Ï«+4‘Ì—Í-2 | 
| ‚»‚Ì‘¼ | |||
| ŽëlŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | Žël+2 | 
| ‰^”ÀŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ‰^”À+2 | 
| ”ŽŽmŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ’²‡¬Œ÷—¦+2 | 
| ’e»Žìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ’²‡”+2 | 
| ÌŽæŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ÌŽæ+2 | 
| –¨WŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ƒnƒ`ƒ~ƒc+1‹C‚Ü‚®‚ê-1 | 
| –¨èŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ƒnƒ`ƒ~ƒc+2 | 
| ŒìÎŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ŒìΉ¤+1 | 
| ŒìÎŽìy3z[XX] | ‚»‚Ì‘¼ | œœœ | ŒìΉ¤+4 | 
| j•ŸŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ‹C‚Ü‚®‚ê+2 | 
| ‰^‹CŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ‰^‹C+1‹C‚Ü‚®‚ê-1 | 
| ‰^‹CŽìy3z | ‚»‚Ì‘¼ | œœœ | ‰^‹C+4‹C‚Ü‚®‚ê-2 | 
| ”甎ìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | ”‚¬Žæ‚è+1‰^‹C-1 | 
| ”甎ìy3z | ‚»‚Ì‘¼ | œœœ | ”‚¬Žæ‚è+4‰^‹C-2 | 
| •ߊlŽìy1z | ‚»‚Ì‘¼ | œ~~ | •ߊl+1‰^‹C-1 | 
| •ߊlŽìy3z | ‚»‚Ì‘¼ | œœœ | •ߊl+4‰^‹C-2 | 
